
बीईओ के आश्वासन के बाद आंदोलन हुआ खत्म
रायगढ़,।। 22 नवंबर को पुसौर ब्लॉक के ग्राम पंचायत मचिदा में जर्जर शाला भवन के खिलाफ अभिभावक अपने बच्चों के साथ बैठकर धरने पर बैठ गए। बीईओ ने जब नए स्कूल भवन के लिए पत्राचार का आश्वासन दिया, तब कहीं जाकर मामले का पटाक्षेप हुआ। दरअसल, ग्राम पंचायत कलमी की सरपंच केंवरा सतनामी बीते सितंबर में ही कलेक्टर श्रीमती रानू साहू को पत्र लिखते हुए शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला के छत के जर्जर होने से जगह-जगह टूटकर गिरने की समस्या बता चुकी है। स्कूल भवन के खस्ताहाल होने के कारण संभावित दुर्घटना के मद्देनजर शिक्षक एहतियात बरतते हुए बच्चों को बाहर बैठाकर पढ़ाने मजबूर हैं।

ऐसे में छत मरम्मत कार्य की मांग कलेक्टर से सरपंच कर चुकी हैं, बावजूद इसके शिक्षा विभाग द्वारा कोई सुध नहीं लेने से अभिभावकों ने ही खिलाफत शुरू की और धरना पंडाल के नीचे अपने बच्चों को लेकर बैठ गए। अभिभावक पद्मनाथ प्रधान का कहना है कि अविभाजित मध्यप्रदेश शासनकाल में 1994 को बने स्कूल भवन की दशा वर्तमान में बेहद खराब है। जर्जर भवन की हालत इस कदर है कि छत कभी भी ढह सकता है, इसलिए नौनिहालों के सुखद भविष्य के लिए नया स्कूल भवन की सौगात उनको मिले।
वहीं, धरना प्रदर्शन की भनक लगते ही बीईओ दिनेश पटेल मौके पर गए और पंडाल के तले बच्चों के साथ बैठे पालकों से बातचीत करते हुए शाला भवन मरम्मत कार्य के लिए 7 लाख 43 हजार रुपए की स्वीकृति दी, लेकिन वे नहीं माने। मामला गर्माने पर तहसीलदार को भी मोर्चा सम्हालने आना पड़ा। दिनभर नारेबाजी और आरोप-प्रत्यारोप के बाद जब बीईओ ने आश्वासन दिया कि वे नवीन स्कूल भवन के लिए उच्च अधिकारियों को पत्राचार कर मौजूदा वस्तुस्थिति से अवगत कराएंगे तो पालकों ने धरना समाप्त कर दिया।